Testing:-
जब किसी भी program को programmer के द्वारा तैयार किया जाता है तो यह program user define structure मैं होते हैं। यह structure user के requirment के according एक programmer develop करता है। जब यह program develop हो जाते हैं, तो programmer इन programs को errorless करने के लिए एक translator का use करता है। जिसके माध्यम से program को translate करता है। जिसमें program में use किये symbol, data और function को test किया जाता है इस process को software development में testing कहा जाता है |ये दो प्रकार के होते है =>
i) Functional testing
ii) Non functional testing
i) Functional testing =>
जब किसी भी program या application को तैयार किया जाता है , तो programmer users के requirement के according program में function और data को use करेगा , जिनकी मदद से उस application की एक functionality या behaviour provide करता जाता है । अगर program ये use किये गए data गलत use किये जाएँ तो user को गलत information मिलेगी इस information को सही करने के लिए programmer अपने program के structure को test करता है और test करने के बाद users के द्वारा दिए गए requirement के according data को तैयार करता है इस तरह की testing को functional testing कहा जाता है ।ii) Non functional testing=>
जब programmer किसी भी application or software को तैयार करता है तो users के द्वारा दिए गए requirement को ध्यान में न रख करके उसके लिए think structure रखता है इसमें जो error आयेगी वह error non functional error कहलाएगी ।Unit testing=>
जब किसी भी program को develop किया जाता है तो ये program कई block में divide होते है इन divided block को ही module कहते है इन module में use किये गए data members और Member functions का use program के सही block में सही तरीके से किया गया है की नही इस प्रकार की testing को unit testing कहते है। unit testing में programmer के द्वारा create किये गए variable और function को भी test किया जाता है क्योकि function और variable logically ............ ये behaviour user के requirement के according programmers द्वारा create किये जाते है । इस testing में block by block data और function को test किया जाता है ।structural testing:-
जैसा की हम जानते है की program कई सारे module में divide होते है इन divided module को integrate करने से पहले developer user द्वारा दिए गए requirement के according Design pattern में programmers उन्हें implement करता है इस तरह के implementation को Structural testing कहा जाता है ।function oriented testing=>
जब किसी भी application या software को programmers द्वारा develop किया जाता है तो वो अपने program में users के requirement के according programmers उस program में कुछ logical function को create करता है इन function के माध्यम से programmer अपने program या application को activate करता है । इन application में जितने में activities use की जाएगी उन activities को पोर्र करने के लिए function की मदद लेता है जिससे ये application यूजर के इच्छानुसार user Run कर सकता है जैसा की हम जानते है की हमारे program में programmers दो तरह के function को use करता है ।i) user defined function
ii) predefined function
i) user defined function =>
यह उन function को कहते हैं। जिन्हें user खुद से तैयार करता है। इन्हें user defined function और predefined function हमारे translator में पहले से मौजूद होते हैं। इस तरह के application पूरी तरह से function पर dependent होते हैं इसलिए इन्हें function oriented program कहा जाता है इन function oriented program की testing process को function oriented testing कहते है ।black box testing:--
जब हमारे programmer किसी भी application को तैयार कर रहे होते है तो programmer users के द्वारा दिए गये requirement को एक design के रूप में तैयार करता है। इस designing के according ही programmers अपनी application के लिए database को तैयार करता है ये database हमारे application or program backend कहा जाता है । जिसमे user अपनी सभी information को Store करता है और इन सभी store information को ही table के मध्यम से access करता है लेकिन कभी कभी program में कुछ database गलत हो जाने के जाने के कारण हमारा application गलत information access करने लगता है जिससे हमारे user को कुछ problem होने लगती है इस तरह के problem को delete करने के लिए जिस process को अपनाया जाता है उसे black box testing कहा जाता है ।.
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