विमुद्रीकरण
विमुद्रीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से देश की मुद्रा बाधित की जाती है और उसे कुछ समय में परिवर्तित करना पड़ता है अगर समय रहते उस मुद्रा का परिवर्तन न हो सके तो वह मुद्रा कागज के सामान हो जाती है | जिसे हम विमुद्रीकरण कहते है |
विमुद्रीकरण के द्वारा हम किसी मुद्रा को कुछ समय के बाद उसके वास्तविक चलन से बाहर कर देते है और उसके जगह नई मुद्रा का संचालन करते है |
विमुद्रीकरण परिवर्तन के कारण -
- देश में अत्यधिक भ्रष्टाचार होने के कारण सरकार को काफी हानि उठानी पड़ती है जिसके कारण मुद्रा का वास्तविक चलन नही हो पता और मुद्रा बाधित हो जाती है और जिसके कारण देश कि अर्थव्यवस्था को काफी हानि उठानी पड़ती है
- देश में आतंकवादी और हवाला गतिविधियों को रोकने के लिए सरकार द्वारा विमुद्रीकरण किया जाता है |
- कालाधन अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाता है इसे दूर करने के लिए विमुद्रीकरण की प्रक्रिया चलाई जाती है |
विमुद्रीकरण से हानि-
*देश में विमुद्रीकरण के कारण अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में कमी आने लगती है | और देश कि अर्थव्यवस्था को अघात पहुँचता है
*आम आदमी की रोजमर्रा की जिन्दगी में काफी नुकसान पहुचता है और उसको प्रतिदिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जब तक की विमुद्रीकरण की प्रक्रिया पूर्ण रूप से न हो जाये |
* भारत देश पूर्ण रूप से कैशलेश न होने के कारण मुद्रा का नगद भुगतान किया जाता है जिसके कारण विमुद्रीकरण प्रक्रिया से वस्तुओ का क्रय-विक्रय की प्रक्रिया में नुकसान का सामना करना पड़ता है |
निष्कर्ष - विमुद्रिकरण एक अस्थाई प्रक्रिया है जिसके कारण देश में आतंकवादी , हवाला , कालाधन और भष्टाचार रोकने के लिए काफी हद तक कारगर साबित रहा है और देखा जाये तो देश की अर्थव्यवस्था कुछ समय के लिए आंशिक रूप से बाधित होती है और किसी देश के लिए विमुद्रीकरण की प्रक्रिया से देश को कुछ समय बाद लाभ ही होता है हानियों की सम्भावना न के बराबर होती है |
नोट :-
लेखक - इस विषय में काफी तटस्थ है फिर भी चूक से इंकार नही किया जा सकता आपके विचार सादर आमंत्रित है |
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