Machine dependent assembler feature IN HINDI, Machine independent assembler feature IN HINDI
Machine dependent assembler feature IN HINDI, Machine independent assembler feature IN HINDI
यह भी पढ़े Design and implementation of assemblers in hindi असेम्बलर हिंदी में
यह भी पढ़े SIC/XE (extra equipments /extra expensive) IN HIDNI , Simplified instructional computer in hindi
यह भी पढ़े Simplified instructional computer ( SIC ) IN HINDI , SIC हिंदी में RISK AND CISK IN HINDI
-
Machine dependent assembler feature ⇒
-
Instruction format और addressing modes:
Assembler program के प्रत्येक स्टेटमेंट का ऑब्जेक्ट कोड generet करता है , तथा यह source statement के translation के दोरान विभिन्न प्रकार के instruction format तथा addressing मोड का use करता है
जैसे ⇒
start statement program के शुरुआती address को indicate करता है इसे o द्वारा specify किया जाता हैइसके बाद प्रोग्रम में location द्वारा object code को मेमोरी relocate कर दिया जाता है
-
*Register to register insruction :
जैसे ⇒
CLEAR , तथा COMPRTransaction के दौरान किसी भी प्रकार की problem generator नहीं करते है उन्हे सामान्य रूप से मशीन language में conect कर दिया जाता है
अधिकतर Register to memory instruction या तो प्रोग्राम काउंटर रिलेटेड व बेस रिलेटेड addressing का use transaction के दौरान करते हैं
-
*Program relocation :
यह एक मशीन dependent assembler feature है जब किसी source प्रोग्राम को translate किया जाता है तो इसका object code generete होता है अब इस objecte code को मेमोरी में लोड करना पड़ता है जिससे की इस program को execute किया जा सके इसके लिए object program में linking तथा loading की जाती है linking की दौरान प्राप्त program को relocated प्रोग्राम कहते है जो की main memory में exection के लिए code किया जाता है इस प्रकार source program के address से अलग program को main memory में execution के लिए load किया जाता है इस process को program relocation कहते है जिसके लिए बेस रजिस्टर का प्रयोग किया जाता है|
-
-
* Machine independent assembler feature :
असेंबलर के ऐसे feature जो मशीन architecture से closely releted नहीं होता है उसे machine independent assembler कहते है
इनका प्रयोग advance मशीन में किया जाता है जिनके सॉफ्टवेयर काफी complex होते है एवं program के लिए ये feature convenient environment प्रदान करते है |
इसके अतारिक्त निम्न feature आते है :
- Literals
- Symbols defining statements
- Expressions
- Program blocks
- Control section and program linking
Literal :
Boolean character numeric या string डाटा का syntactic representation होता है
literals program में लिखे गये expression के लिए value प्रोवाइड करता है इस प्रकार literals ऐसे statement होते है जिनकी वैल्यू fix होती है |
assembly language में use होने वाले कुछ लिटेरल्स निम्न हैं ⇒
45 001A ENDFIL CDA C 'EOF' 0320P
Symbol defining statement ⇒
Assembaly language प्रोगाम में केबल user define symbol instruction या डाटा area में level की तरह appear होते हैं | Define किए गए लेवेल की वैल्यू उस statement को assign किया गया address होती है , जिसमें यह appear होता है अधिकतर असेम्बलर , असेंबलर directive provide करते है | जो कि प्रोग्रामर को symbol को define करने तथा उनकी value को specify करने के लिए allow करते है समान्यतः असेम्बलर directive EQV (for equate) का use करते हैं जिसके statement का | सामान्य format निम्न है
symbol EQU value
EQU का सामान्य use सिम्बल name को stablish करना है जिसका use numeric value के स्थान पर readability को improve करता है
Expressions :
Expression is a statement which is the combination of operend and operator .
Assembaly language statement में level literals etc का प्रयोग instruction के operend के रूप में किया जाता है अधिकतर असेंबलर किसी expression में singale operand को परमिट करते हैं
assembler समान्यतः Arithmetic expression को operators +,-,*,/ का प्रयोग करके define किए जाते हैं इसमें division सदैव एक integer value को produce करता है असेम्बली language में assembler को निम्न दो भागों में वर्गीकृत किया गया है
- alsolute expression
-
reletive expression
106 BEFUND EQU + C = a+b (expression)
-
* Program blocks:
Assembly language में लिखे गए program एक unit की तरह ट्रीट किए जाते हैं एक assembly source programe logical रूप से sub routine data area etc को contain करता है जिसे assembly एक unit की तरह handil किया जाता है और उससे रिलेटेड object code generate किया जाता है |
अधिकतर assembler source तथा object program की flexible handing को allow करते हैं जोकि source statement से अलग order में object code अर्थात मशीन कोड generete करने के लिए allow करते है -
*Control section and program linking :
किसी assembly source programe में multiple control section हो सके है control section program का एक पार्ट होता है जिसे की assembly के बाद identity को मेन्टेन करने के लिए प्रयोग किया जाता है प्रत्येक control sectiion एक दूसरे से independent लोड और relocate किया जाता है | अलग कंट्रोल section program के सब रूटीन्स या other logical sub division के लिए प्रयोग किया जाता है प्रोग्रामर इन controle सेक्शन को अलग अलग assemble , lode और manipulate कर सकते हैं यह कंट्रोल section का मुख्य लाभ है कण्ट्रोल सेक्शन किसी प्रोग्राम का logical part होता है | लेकिन ये control sections अलग अलग assemble load तथा मेनिपुलेट किये जा सकते है | लेकिन संबन्धित program के execution के लिए इन कंट्रोल section की linking की जाती है जिसे लिंकर द्वारा perform किया जाता है
0 टिप्पणियाँ
आपके सुझाव सादर आमंत्रित है